नैना देवी मंदिर-बिलासपुर से 57 किलोमीटर की दुरी पर 1177 मीटर की ऊंचाई पर यह मंदिर स्थित है। मंदिर में माँ दुर्गा की प्रतिमा है। मंदिर के मुख्य द्वार पर भैरव की प्रतिमा है। साथ में गणपति और महावीर की मूर्तियां हैं। मंदिर निर्माण के साथ घटना जुड़ी है कि यक्ष प्रजापति ने जो महायज्ञ रचा था उसमें संसार भर से देवी-देवता आमंत्रित किए गए थे। इसमें प्रजापति ने अपनी पुत्री पार्वती को नहीं बुलाया था जिससे पार्वती बिना अपने पति की आज्ञा के यज्ञ में चली गई थी। पार्वती ने वहाँ देखा कि उनके पति भगवान शिव और उनके लिए यज्ञ में कोई आसान नहीं थे। वह इस अपमान को सहन न कर सकी और जलते हवन में अपने को समर्पित कर दिया। भगवान शिव को इस बात का पता चला तो उन्होंने ताण्डव किया। पृथ्वी पर कंपकम्पी मच गई। सभी देवतागण विष्णु भगवान के पास गए और उनसे समाधान का अनुरोध किया। विष्णु भगवान ने सती के शरीर के टुकड़े किए और इस जगह पर देवी के नैन गिरे। जिनसे यहां नैना देवी प्रकट हुई।
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